عن أنس بن مالك رضي الله عنه أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال:
«مَنْ أَحَبَّ أَنْ يُبْسَطَ لَهُ فِي رِزْقِهِ، وَيُنْسَأَ لَهُ فِي أَثَرِهِ، فَلْيَصِلْ رَحِمَهُ».
[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح البخاري: 5986]
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अनस बिन मालिक रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"जो चाहता हो कि उसकी रोज़ी फैला दी जाए और उसकी आयु बढ़ा दी जाए, वह अपने रिश्तेदारों के साथ अच्छा व्यवहार करे।"
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 5986]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम रिश्तों को जोड़े रखने की प्रेरणा दे रहे हैं। मसलन यह कि उनका हाल जानने के लिए जाया जाए और उनकी शारीरिक एवं आर्थित सहायता की जाए। इससे रोज़ी फैला दी जाती है और आयु लंबी हो जाती है।