عن سعد بن أبي وقاص –رضي الله عنه- مرفوعاً: "إنَّ اللهَ يُحبُّ العَبدَ التقيَّ الغنيَّ الخفيَّ".
[صحيح] - [رواه مسلم]
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साद बिन अबू वक़्क़ास (रज़ियल्लाहु अंहु) से वर्णित है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "c2">“निश्चय अल्लाह ऐसे बंदे को पसंद करता है, जो धर्मशील, दिल का धनी और नाम व नमूद से बचने वाला हो।”
सह़ीह़ - इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने ऐसे व्यक्ति की विशेषता बयान करते हुए, जिससे अल्लाह प्रेम करता है, फ़रमाया है : "निश्चय अल्लाह ऐसे बंदे को पसंद करता है, जो धर्मशील, दिल का धनी और दिखावे से बचने वाला हो।" हदीस में प्रयुक्त शब्द "التقي" यानी धर्मशील बंदे से मुराद ऐसा बंदा है, जो सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह से डरते हुए उसके आदेशों का पालन करता हो और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचता हो। वह अल्लाह के फ़र्ज़ किए हुए कामों का पालन करता हो और उसकी हराम की हुई चीज़ों से दूर रहता हो। साथ ही अल्लाह के प्रिय बंदे के बारे में बताया है कि वह दिल का धनी हो। यानी स्वयं को लोगों से बेनियाज़ कर लिया हो और सबसे कटकर केवल अल्लाह पर भरोसा रखता हो। न किसी से कुछ माँगता हो, न किसी के आगे झुकता हो और न किसी की जानिब मुतवज्जेह होता हो। इसी तरह वह दिखावे से बचता हो। न आत्मप्रदर्शन करता हो, न लोगों के बीच अपना चेहरा चमकाने पर ध्यान देता हो और न इस बात की कोशिस करता हो कि उसकी जानिब ऊँगलियों से इशारा किया जाए और उसकी चर्चा की जाए।

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हदीस का संदेश

  1. फ़ितने के भय तथा लोगों के अंदर बिगाड़ के समय अल्लाह के आज्ञापालन के साथ-साथ लोगों से अलग-थलग रहने की फ़ज़ीलत।
  2. उन गुणाों का विवरण, जो बंदे को अल्लाह का प्यारा बना देते हैं। ये गुण हैं : तक़वा, विनम्रता और अल्लाह की दी हुई नेमतों से संतुष्ट होना।
  3. अल्लाह के लिए मुहब्बत की विशेषता को साबित करना और इस बात को सिद्ध करना कि अल्लाह अपने आज्ञाकारी बंदों से मुहब्बत करता है। याद रहे कि अल्लाह के लिए मुहब्बत की विशेषता उसकी शान एवं प्रताप के अनुरूप ही सिद्ध की जाएगी।
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