عن ثوبان رضي الله عنه عن النبي صلى الله عليه وسلم قَالَ: "إنَّ المسلِمَ إذا عادَ أخاه المسلِمَ، لم يَزَلْ في خُرْفَةِ الجَنَّةِ حتى يرجعَ"، قيل: يا رسولَ اللهِ ما خُرْفَةُ الجنَّةِ؟، قال: "جَنَاها".
[صحيح] - [رواه مسلم]
المزيــد ...
सौबान (रज़ियल्लाहु अन्हु) का वर्णन है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः “जब कोई मुसलमान अपने बीमार भाई का हाल जानने जाता है, तो वापस लौटने तक वह जन्नत के फलों को चुनने में लगा होता है।" लोगों ने पूछाः ऐ अल्लाह के रसूल, (आपके शब्द) "ख़ुरफ़तुल जन्नह" से क्या अभिप्राय है? आपने फरमायाः "जन्नत के फल।”
[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]