عن أبي هريرة رضي الله عنه : أن رجلًا قال للنبي -صلى الله عليه وآله وسلم-: أوصني، قال لا تَغْضَبْ فردَّدَ مِرارًا، قال لا تَغْضَبْ».
[صحيح] - [رواه البخاري]
المزيــد ...
अबू हुरैरा- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि एक व्यक्ति ने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से कहा कि मुझे वसीयत कीजिए, तो आपने फ़रमायाः गुस्सा मत किया करो। उसने कई बार अपनी बात दोहराई और आपने हर बार यही कहा कि गुस्सा मत किया करो।
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।
एक सहाबी ने अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- से कहा कि आप उसे एक ऐसी बात का आदेश दें जो उसके लिए दुनिया एवं आख़िरत में लाभदायक हो, तो आपने गुस्सा न करने का आदेश दिया। दरअसल आपके गुस्सा न करने की वसीयत में इनसान की अधिकतर बुराइयों से बचाव का सामान है।