عَنْ طَاوُسٍ أَنَّهُ قَالَ: أَدْرَكْتُ نَاسًا مِنْ أَصْحَابِ رَسُولِ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ، يَقُولُونَ كُلُّ شَيْءٍ بِقَدَرٍ، قَالَ: وَسَمِعْتُ عَبْدَ اللهِ بْنَ عُمَرَ رضي الله عنهما يَقُولُ: قَالَ رَسُولُ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ:
«كُلُّ شَيْءٍ بِقَدَرٍ، حَتَّى الْعَجْزِ وَالْكَيْسِ، أَوِ الْكَيْسِ وَالْعَجْزِ».
[صحيح] - [رواه مسلم] - [صحيح مسلم: 2655]
المزيــد ...
ताऊस का वर्णन है, उन्होंने कहा : मैंने अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के कुछ साथियों को पाया, वे कहते थे कि हर चीज़ तक़दीर के अनुसार सामने आती है। ताऊस कहते हैं कि मैंने अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ियल्लाहु अनहुमा को कहते हुए सुना है कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया है :
"हर चीज़ तक़दीर के अनुसार सामने आती है, यहाँ तक कि अक्षमता तथा सक्षमता भी या सक्षमता तथा अक्षमता भी।"
[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح مسلم - 2655]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बताया है कि हर चीज़ तक़दीर में लिखे के अनुसार समाने आती है। यहाँ तक कि "العجز" (अक्षमता) यानी दुनिया एवं आख़िरत से संबंधित ज़रूरी कामों को न करना, उन्हें टालते रहना और समय बीत जाने देना भी। इसी तरह "الْكَيْسُ" (सक्षमता) यानी दुनिया तथा आख़िरत से संबंधित कामों में चुस्ती दिखाना और महारत रखना भी। अल्लाह ने अक्षमता तथा सक्षमता और इसी तरह हर चीज़ को तक़दीर (भाग्य) में लिख दिया है। दुनिया में जो भी घटना घटती है, वह अल्लाह की जानकारी और उसके इरादे से घटती है।