عن عبد الله بن عمرو بن العاص رضي الله عنهما مرفوعاً: قال: لم يكن رسول الله صلى الله عليه وسلم فاحشاً ولا متفحشاً، وكان يقول: «إن من خياركم أحسنكم أخلاقًا».
[صحيح] - [متفق عليه]
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अब्दुल्लाह बिन अम्र बिन आस (रज़ियल्लाहु अन्हुमा) से मरफ़ूअन वर्णित है, वह कहते हैं : अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) न तो अश्लील थे और न गंदी बातें और गंदे कार्य किया करते थे। आप फ़रमाया करते थे : "तुम्हारे अंदर सबसे अच्छा व्यक्ति वह है, जिसका आचरण सबसे अच्छा है।"
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- न तो गंदी बातें करते थे, न बुरे काम करते थे और न जानबूझकर इन कार्यों में संलिप्त होते थे। आप बड़े उच्च नैतिकता के मालिक इनसान थे। आपने यह भी बताया कि सबसे अच्छा मोमिन वह है, जो सबसे अच्छे आचरण का मालिक हो। क्योंकि अच्छा आचरण अच्छे कामों तथा चीज़ों को लाज़िम जानने और बुरे कामों तथा चीजों को छोड़ने की प्रेरणा देता है।

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हदीस का संदेश

  1. इनसान को बुरी बात और बुरे काम से बचना चाहिए।
  2. अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- बड़े सुंदर आचरण के मालिक थे। अतः आपने जब भी कुछ किया तो अच्छा किया और जब भी मुँह खोला तो अच्छी बात कही।
  3. अच्छा व्यवहार एक ऐसी चीज़ है, जिसमें मुसलमानों को आपस में मुक़ाबला करना चाहिए। जो इस मैदान में आगे निकल गया, वह सबसे अच्छे और सबसे संपूर्ण ईमान वाले मोमिनों में से हो गया।
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