عن عائشة رضي الله عنها أن النبي صلى الله عليه وسلم قال: «إن الرفق لا يكون في شيء إلا زانه، ولا ينزع من شيء إلا شانه».
[صحيح] - [رواه مسلم]
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आइशा (रज़ियल्लाहु अन्हु) वर्णन है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया : "दयालुता जिसमें भी होती है, उसे सुंदर बना देती है और जिससे निकाल ली जाती है, उसे कुरूप कर देती है।"
सह़ीह़ - इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

नर्म व्यवहार वाला व्यक्ति अपना उद्देश्य पूरा कर लेता है या उसका कुछ भाग प्राप्त कर लेता है। जबकि सख्त व्यवहार वाला अपना उद्देश्य पूरा नहीं कर पाता और करता भी है तो बड़ी कठिनाई से।

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हदीस का संदेश

  1. नर्मी के अलंकार से अलंकृत होने की आवश्यकता। क्योंकि नर्मी इनसान को लोगों की नज़र में तथा अल्लाह के निकट सुंदर बना देती है।
  2. सख़्ती, कठोरता और क्रूरता से दूरी, क्योंकि यह चीज़ें इनसान को लोगों तथा अल्लाह के निकट कुरूप बना देती हैं।
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