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عن أنس رضي الله عنه قال:
كُنَّا عِنْدَ عُمَرَ فَقَالَ: «نُهِينَا عَنِ التَّكَلُّفِ».

[صحيح] - [رواه البخاري] - [صحيح البخاري: 7293]
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अनस रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं :
हम उमर रज़ियल्लाहु अनहु के पास मौजूद थे कि इसी दौरान उन्होंने कहा : "हमें तकल्लुफ़ करने यानी बिना ज़रूरत कष्ट उठाने से मना किया गया है।"

[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 7293]

व्याख्या

उमर रज़ियल्लाहु अनहु बता रहे हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनको ऐसा काम करने तथा ऐसी बात कहने से मना किया है, जिसके लिए बिना ज़रूरत मशक़्क़त उठानी पड़े।

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हदीस का संदेश

  1. इस हदीस में जिस तकल्लुफ़ से मना किया गया है, उसमें अधिक प्रश्न करना, ऐसा काम करना जिसकी जानकारी न हो तथा किसी ऐसी सख़्ती में पड़ना या डालना भी शामिल है, जिसमें न पड़ने या डालने की अल्लाह ने गुंजाइश दी है।
  2. इन्सान को अपने व्यक्तित्व में उदारता रखना चाहिए और खाने, पीने, बात-चीत और अन्य चीज़ों में अनावश्यक कष्ट उठाने से बचना चाहिए।
  3. इस्लाम एक सरल तथा आसान धर्म है।
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