عن أبي هريرة رضي الله عنه عن النبي صلى الله عليه وسلم قال: «إيَّاكم والظنَّ، فإن الظنَّ أكذبُ الحديث».
[صحيح] - [متفق عليه]
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अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अंहु) से रिवायत है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः "बुरे गुमान से बचो, क्योंकि बुरा गुमान सबसे झूठी बात है।"
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

इस हदीस में सावधान किया गया है कि इनसान किसी ऐसे गुमान पर भरोसा करे और उसपर अहकाम की बुनियाद रखे, जो किसी प्रमाण पर आधारित न हो। यह दरअसल नैतिकता में गिरावट का प्रमाण है और सबसे झूठी बातों में से है, क्योंकि गुमान करने वाला जब किसी ऐसी चीज़ पर भरोसा करेगा, जिसपर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए और उसे बुनियाद बना लेगा और कतई विश्वास करेगा, तो झूठ ही नहीं, बल्कि सबसे बड़ा झूठ होगा।

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हदीस का संदेश

  1. उस गुमान से सावधान करना जो किसी दलील पर आधारित न हो।
  2. किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में बुरा गुमान रखना हानिकारक नहीं है, जिसपर उसकी अलामतें दिख रही हों, जैसे बुरे और गुनाहगार लोग।
  3. यहाँ मुराद ऐसे आरोप से सावधान करना है जो दिल में बैठ जाए और जिसपर आदमी अड़ा रहे। लेकिन यदि केवल दिल में आए और उसमें न बैठे तो उसपर पकड़ नहीं होगी।
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