عَنْ عَبْدِ اللَّهِ بنِ مَسْعُودٍ رضي الله عنه أَنَّ النَّبِيَّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَالَ:
«سِبَابُ المُسْلِمِ فُسُوقٌ، وَقِتَالُهُ كُفْرٌ».
[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح البخاري: 48]
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अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"मुसलमान को गाली देना फ़िस्क़ (घोर पाप) है, और उससे लड़ाई करना कुफ़्र है।"
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 48]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इस बात से मना किया है कि कोई मुसलमान अपने किसी मुसलमान भाई को गाली-गलौज करे। आपने इसे 'फ़िस्क़' यानी अल्लाह और उसके रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के अनुसरण के दायरे से बाहर निकलना कहा है। आपने यह भी बताया है कि एक मुसलमान का अपने किसी मुसलमान भाई से लड़ना 'कुफ़्र' यानी अल्लाह और उसके रसूल के प्रति अविश्वास का द्योतक कार्य बताया है। लेकिन यह छोटा कुफ़्र है।