+ -

عَنْ أَبِي عَبْدِ الرَّحْمَنِ السُّلَمي رحمه الله قَالَ:
حَدَّثَنَا مَنْ كَانَ يُقْرِئُنَا مِنْ أَصْحَابِ النَّبِيِّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ أَنَّهُمْ كَانُوا يَقْتَرِئُونَ مِنْ رَسُولِ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ عَشْرَ آيَاتٍ، فَلَا يَأْخُذُونَ فِي الْعَشْرِ الْأُخْرَى حَتَّى يَعْلَمُوا مَا فِي هَذِهِ مِنَ الْعِلْمِ وَالْعَمَلِ، قَالُوا: فَعَلِمْنَا الْعِلْمَ وَالْعَمَلَ.

[حسن] - [رواه أحمد] - [مسند أحمد: 23482]
المزيــد ...

अबू अब्दुर रहमान सुलमी कहते हैं :
हमें अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के उन सहाबा ने बताया, जो हमें पढ़ाया करते थे कि वे अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से दस आयतें पढ़ते और दूसरी दस आयतों को पढ़ना उस समय तक शुरू नहीं करते, जब तक उन दस आयतों के ज्ञान एवं अमल को सीख न लेते। सहाबा ने कहा : हमने ज्ञान और अमल दोनों सीखा।

[ह़सन] - [इसे अह़मद ने रिवायत किया है।] - [مسند أحمد - 23482]

व्याख्या

सहाबा अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से दस आयतें प्राप्त करते और दूसरी दस आयतें प्राप्त करना उस समय तक शुरू नहीं करते, जब तक पहली दस आयतों के ज्ञान को पूरी तरह सीख न लेते और उसपर अमल करने न लगते। इस तरह वे ज्ञान तथा अमल दोनों को एक साथ सीखते थे।

अनुवाद: अंग्रेज़ी उर्दू स्पेनिश इंडोनेशियाई उइग़ुर बंगला फ्रेंच तुर्की बोस्नियाई सिंहली वियतनामी तगालोग कुर्दिश होसा मलयालम तिलगू सवाहिली बर्मी थाई पशतो असमिया अल्बानियाई السويدية الأمهرية الهولندية الغوجاراتية Kirgisisch النيبالية Yoruba الليتوانية الدرية الصربية الصومالية الطاجيكية Kinyarwanda الرومانية التشيكية Malagasy इतालवी Oromo Kanadische Übersetzung Aserbaidschanisch الأوزبكية الأوكرانية
अनुवादों को प्रदर्शित करें

हदीस का संदेश

  1. सहाबा की फ़ज़ीलत तथा क़ुरआन सीखने के प्रति उनकी तत्परता।
  2. क़ुरआन पढ़ने का अर्थ है उसका प्राप्त करना और उसपर अमल करना। केवल उसका पढ़ना और उसे याद करना नहीं।
  3. कुछ कहने तथा कुछ करने से पहले ज्ञान ज़रूरी है।
अधिक