عن أبي هريرة رضي الله عنه أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال:
«حُجِبَتِ النَّارُ بِالشَّهَوَاتِ، وَحُجِبَتِ الْجَنَّةُ بِالْمَكَارِهِ».
[صحيح] - [رواه البخاري] - [صحيح البخاري: 6487]
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अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"जहन्नम को अभिलाषाओं से घेर दिया गया है और जन्नत को अप्रिय चीज़ों से घेर दिया गया है।"
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 6487]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि जहन्नम को ऐसी चीज़ों से घेर दिया गया है, जो इन्सान के मन को अच्छी लगती हैं, जैसे हराम कामों को करना और कर्तव्यों के अनुपालन में सुस्ती करना आदि। इसलिए जो अपने नफ़्स को ख़्वाहिशों के पीछे दौड़ाएगा, वह जहन्नम का हक़दार बन जाएगा। जबकि जन्नत को ऐसी चीज़ों से घेर दिया गया है, जो मन को अप्रिय हैं। जैसे पाबंदी से अल्लाह के आदेशों का पालन करना, हराम कामों से दूर रहना और इस राह में आने वाली हर परेशानी का सामना करना। जब इन्सान अपने नफ़्स से लड़ते हुए इन कामों को करता है, तो वह जन्नत का हक़दार बन जाता है।