عن عائشة رضي الله عنها : أن النبي صلى الله عليه وسلم قال: «السِّواك مَطْهَرَةٌ للْفَم مَرْضَاةٌ لِلرَّبِّ».
[صحيح] - [رواه النسائي وأحمد والدارمي]
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आइशा- रज़ियल्लाहु अन्हा- कहती हैं कि अल्लाह के नबी- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः "मिसवाक मुँह को साफ़ करने वाली और अल्लाह को प्रसन्न करने वाली वस्तु है।"
सह़ीह़ - इसे नसाई ने रिवायत किया है।
दातुन मुँह का मैल-कुचैल साफ करती, बदबू दूर करती और दूसरी हानिकारक चीजों से मुँह की सुरक्षा करती है। दातुन जिस चीज की भी हो, यदि मुँह में ऐसा परिवर्तन लाती है तो दातुन करने की सुन्नत अदा हो जाएगी, जैसे अगर ब्रश और मैल-कुचैल एवं गंदगी दूर करने वाले पाउडर से दाँत साफ किए जाएँ तो भी सुन्नत अदा हो जाएगी। दातुन अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने के अनेकों साधनों में से एक है। जानकारों ने दातुन के और भी कई लाभ बयान किए हैं, जैसे मुँह को खुशगवार बनाती है, दाँतों की जड़ को मजबूत करती है, आँखों की रोशनी बढ़ाती है, बलगम साफ करती है, सुन्नत के मुताबिक है, फरिश्तों को खुश करती है, नेकियों में वृद्धि करती है और पाचनशक्ति बढ़ाती है।