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عن عثمان رضي الله عنه عن النبي صلى الله عليه وسلم قال:
«خَيْرُكُمْ مَنْ تَعَلَّمَ الْقُرْآنَ وَعَلَّمَهُ».

[صحيح] - [رواه البخاري] - [صحيح البخاري: 5027]
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उसमान रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"तुम्हारे बीच सबसे उत्तम व्यक्ति वह है, जो खुद क़ुरआन सीखे और उसे दूसरों को सिखाए।"

सह़ीह़ - इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।

व्याख्या

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि अल्लाह के निकट सबसे उत्तम और ऊँचे स्थान वाला मुसलमान वह है, जिसने क़ुरआन सीखा, यानी उसकी तिलावत सीखी, उसे याद किया, अच्छे से पढ़ना सीखा तथा उसका अर्थ एवं व्याख्या सीखी और अपने पास मौजूद क़ुरआन के ज्ञान पर अमल करने के साथ-साथ उसे दूसरों को सिखाया।

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हदीस का संदेश

  1. क़ुरआन के महत्व का बयान और इस बात का उल्लेख कि क़ुरआन सबसे उत्कृष्ट वाणी है, क्योंकि यह अल्लाह की वाणी है।
  2. सबसे अच्छा सीखने वाला वह है, जो दूसरों को सिखाए। वह नहीं, जो ज्ञान को अपने तक सीमित रखे।
  3. क़ुरआन सीखने तथा सिखाने के दायरे में उसकी तिलावत और उसके अर्थ एवं उससे प्राप्त होने वाले आदेशों एवं निर्देशों को सीखने भी आता है।
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