+ -

عن أسامة بن زيد رضي الله عنهما عن النبي صلى الله عليه وسلم قال:
«مَا تَرَكْتُ بَعْدِي فِتْنَةً أَضَرَّ عَلَى الرِّجَالِ مِنَ النِّسَاءِ».

[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح البخاري: 5096]
المزيــد ...

उसामा बिन ज़ैद रज़ियल्लाहु अनहुमा का वर्णन है कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"मैंने अपने बाद कोई ऐसा फ़ितना नहीं छोड़ा, जो पुरुषों के हक़ में स्त्रियों से अधिक हानिकारक हो।"

[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 5096]

व्याख्या

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि आपने अपने बाद ऐसी कोई आज़माइश नहीं छोड़ी, जो पुरुषों के हित में स्त्रियों से अधिक हानिकारक हो। स्त्री अगर उसके घर की है, तो उसके द्वारा की जाने वाली शरीयत की अवहेलना के कारण पुरुष को हानि होती है और अगर उसके परिवार की न हो, तो उसके साथ मिलने-जुलने और एकांत में रहने तथा इसके नतीजे में पैदा होने वाली बुराइयों के कारण पुरुष को हानि होती है।

अनुवाद: अंग्रेज़ी उर्दू स्पेनिश इंडोनेशियाई उइग़ुर बंगला फ्रेंच तुर्की रूसी बोस्नियाई सिंहली चीनी फ़ारसी वियतनामी तगालोग कुर्दिश होसा पुर्तगाली मलयालम तिलगू सवाहिली तमिल बर्मी थाई जर्मन जापानी पशतो असमिया अल्बानियाई السويدية الأمهرية الهولندية الغوجاراتية Kirgisisch النيبالية Yoruba الليتوانية الدرية الصربية الصومالية الطاجيكية Kinyarwanda الرومانية المجرية التشيكية الموري Malagasy इतालवी Kanadische Übersetzung الولوف البلغارية Aserbaidschanisch الأوكرانية الجورجية
अनुवादों को प्रदर्शित करें

हदीस का संदेश

  1. मुसलमान को औरत के फ़ितने से सावधान रहना चाहिए और इस फ़ितने की ओर ले जाने वाले हर रास्ते को बंद करना चाहिए।
  2. फ़ितनों से सुरक्षा के लिए मोमिन को अल्लाह से अपना रिश्ता मज़बूत रखना चाहिए और अल्लाह में दिल लगाना चाहिए।
अधिक