عن بريدة بن الحصيب رضي الله عنه أنه قال:
بَكِّرُوا بِصَلَاةِ الْعَصْرِ، فَإِنَّ النَّبِيَّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَالَ: «مَنْ تَرَكَ صَلَاةَ الْعَصْرِ فَقَدْ حَبِطَ عَمَلُهُ».
[صحيح] - [رواه البخاري] - [صحيح البخاري: 553]
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बुरैदा बिन हुसैब रज़ियल्लाहु अनहु से वर्णित है, वह कहते हैं :
अस्र की नमाज़ जल्दी पढ़ा करो। क्योंकि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया है : "जिसने अस्र की नमाज़ छोड़ दी, उसके सभी कर्म व्यर्थ हो गए।"
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 553]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अस्र की नमाज़ को जान-बूझकर उसके समय से विलंब करके पढ़ने से सावधान किया है, और बताया है कि ऐसा करने वाले का अमल व्यर्थ हो जाता है।