+ -

عن بريدة رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم:
«إِنَّ الْعَهْدَ الَّذِي بَيْنَنَا وَبَيْنَهُمُ الصَّلَاةُ، فَمَنْ تَرَكَهَا فَقَدْ كَفَرَ».

[صحيح] - [رواه الترمذي والنسائي وابن ماجه وأحمد] - [سنن النسائي: 463]
المزيــد ...

बुरैदा रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"वह वचन, जो हमारे और उनके बीच है, नमाज़ है। जिसने इसे छोड़ दिया, उसने कुफ़्र किया।"

सह़ीह़ - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है।

व्याख्या

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बताया है कि मुसलमानों और दूसरों अर्थाथ काफ़िरों और मुनाफ़िकों के बीच जो वचन है, वह नमाज़ है। जिसने नमाज़ छोड़ दी, उसने कुफ़्र किया।

अनुवाद: अंग्रेज़ी उर्दू इंडोनेशियाई उइग़ुर बंगला तुर्की सिंहली वियतनामी होसा मलयालम तिलगू सवाहिली बर्मी थाई पशतो असमिया السويدية الأمهرية الهولندية الغوجاراتية القيرقيزية النيبالية اليوروبا الليتوانية الدرية الصومالية الكينياروندا التشيكية
अनुवादों को प्रदर्शित करें

हदीस का संदेश

  1. नमाज़ का महत्व तथा यह कि नमाज़ मोमिन तथा काफ़िर के बीच अंतर करने वाली चीज़ है।
  2. इस्लाम के अहकाम इन्सान के ज़ाहिरी हाल से साबित होंगे, बातिन से नहीं।
अधिक