عن بريدة رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم:
«إِنَّ الْعَهْدَ الَّذِي بَيْنَنَا وَبَيْنَهُمُ الصَّلَاةُ، فَمَنْ تَرَكَهَا فَقَدْ كَفَرَ».
[صحيح] - [رواه الترمذي والنسائي وابن ماجه وأحمد] - [سنن النسائي: 463]
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बुरैदा रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"वह वचन, जो हमारे और उनके बीच है, नमाज़ है। जिसने इसे छोड़ दिया, उसने कुफ़्र किया।"
[सह़ीह़] - - [سنن النسائي - 463]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बताया है कि मुसलमानों और दूसरों अर्थाथ काफ़िरों और मुनाफ़िकों के बीच जो वचन है, वह नमाज़ है। जिसने नमाज़ छोड़ दी, उसने कुफ़्र किया।