«أَحَقُّ الشُّرُوطِ أَنْ تُوفُوا بِهِ مَا اسْتَحْلَلْتُمْ بِهِ الْفُرُوجَ».
[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح البخاري: 2721]
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उक़बा बिन आमिर जुहनी रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, उन्होंने कहा : अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"वह शर्त, जो इस बात की सबसे ज़्यादा हक़दार है कि उसे पूरा किया जाए, वह शर्त है, जिसके द्वारा (शादी के समय) तुम (स्त्रियों के) गुप्तांग (अर्थात: योनि) को हलाल करते हो।"
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 2721]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि पूरा किए जाने की सबसे ज़्यादा हक़दार शर्त वह शर्त है, जो औरत की गुप्तांग (योनि) को हलाल करने का माध्यम है। इससे मुराद दरअसल वह जायज़ शर्तें हैं, जो निकाह के समय पत्नी रखती हैं।