عن عقبة بن عامر رضي الله عنه مرفوعاً: «إن أحَقَّ الشُّروط أن تُوفُوا به: ما استحللتم به الفروج».
[صحيح] - [متفق عليه]
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उक़बा बिन आमिर (रज़ियल्लाहु अंहु) का वर्णन है कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः वह शर्त, जो इस बात की सबसे ज़्यादा हक़दार है कि उसे पूरा किया जाए, यह वह शर्त है, जिसके द्वारा तुम गुप्तांग को हलाल करते हो।
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।
स्त्री और पुरुष जब निकाह का इरादा करते हैं, तो उनके कुछ उद्देश्य और मक़सद होते हैं और कभी-कभी वे अपने साथी के सामने उन शर्तों को रख भी देते हैं, ताकि निकाह के बाद उनका पालन हो सके और उन्हें पूरा करने का मुतालबा भी हो सके। इन्हें 'निकाह के समय रखी गई शर्तें' कहा जाता है। यह शर्तें, दरअसल निकाह की उन शर्तों से अलग हैं, जिनके बिना निकाह सही नहीं हो सकता। इन शर्तों को निभाने की ताकीद की गई है और इनका पूरा करना ज़रूरी है; क्योंकि इनके ज़रिए आदमी शर्मगाह को हलाल करके लाभ उठाता है।