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عن أبي هريرة رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم:
«مَنْ كَذَبَ عَلَيَّ مُتَعَمِّدًا فَلْيَتَبَوَّأْ مَقْعَدَهُ مِنَ النَّارِ».

[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح البخاري: 110]
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अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु से वर्णित है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"जिसने जान-बूझकर मुझपर झूठ बोला, वह अपना ठिकाना जहन्नम बना ले।"

[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 110]

व्याख्या

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बताया है कि जिसने आपपर झूठ बोला, यानी किसी कथन या कार्य का झूठा संबंध आपकी ओर किया, उसे इस झूठ के बदले में आख़िरत में जहन्नम में स्थान प्रदान किया जाएगा।

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हदीस का संदेश

  1. जान-बूझकर अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर झूठ बोलना जहन्नम में प्रवेश का सबब है।
  2. अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर झूठ बोलना अन्य लोगों पर झूठ बोलने की तरह नहीं है। क्योंकि आपपर बोले जाने वाले झूठ के नतीजे में दीन एवं दुनिया की बहुत-सी बुराइयाँ सामने आती हैं।
  3. पूरी छान-बीन और अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ओर संबंध के सही होने की पुष्टि किए बिना हदीसों को फैलाने की मनाही।
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