عَنْ أَبِي قَتَادَةَ السَّلَمِيِّ رضي الله عنه أَنَّ رَسُولَ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَالَ:
«إِذَا دَخَلَ أَحَدُكُمُ الْمَسْجِدَ فَلْيَرْكَعْ رَكْعَتَيْنِ قَبْلَ أَنْ يَجْلِسَ».
[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح البخاري: 444]
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अबू क़तादा सलमी रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"जब तुममें से कोई मस्जिद के अंदर प्रवेश करे, तो बैठने से पहले दो रकातें पढ़ ले।"
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 444]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इस बात की प्रेरणा दी है कि जो व्यक्ति किसी भी समय और किसी भी उद्देश्य से मस्जिद के अंदर प्रवेश करे, वह बैठने से पहले दो रकातें पढ़ ले। इन दोनों रकातों को तहिय्यतुल मस्जिद कहा जाता है।