عن أبي هريرة رضي الله عنه مرفوعاً: «ليس شيءٌ أكرمَ على الله من الدعاء».
[حسن] - [رواه الترمذي وابن ماجه وأحمد]
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अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) से वर्णित है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "c2">“अल्लाह के निकट दुआ से अधिक सम्मानजनक कोई चीज नहीं है।”
ह़सन - इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है ।

व्याख्या

(अल्लाह के निकट दुआ से अधिक सम्मानजनक कोई चीज नहीं है।) क्योंकि यह इबादत है, और इबादत ही के लिए अल्लाह ने सृष्टि की रचना की है। चुनांचे दुआ अल्लाह के सामर्थ्य और उसके व्यापक ज्ञान एवं दुआ करने वाले की विवशता तथा उसकी मोहताजी को प्रमाणित करती है। यही कारण है कि दुआ अल्लाह के निकट सबसे सम्मानजनक चीज़ों में से एक है।

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हदीस का संदेश

  1. दुआ की फ़ज़ीलत तथा यह कि दुआ अल्लाह के निकट सबसे सम्मानजनक चीज़ों में से एक है।
  2. दुआ के लिए प्रेरित करना और उसका शौक़ दिलाना, क्योंकि वह अल्लाह के निकट सबसे सम्मान वाली वस्तुओं में से एक है।
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