عَنْ جَرِيرِ بْنِ عَبْدِ اللهِ رَضيَ اللهُ عنه قَالَ:
سَأَلْتُ رَسُولَ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ عَنْ نَظَرِ الْفُجَاءَةِ فَأَمَرَنِي أَنْ أَصْرِفَ بَصَرِي.
[صحيح] - [رواه مسلم] - [صحيح مسلم: 2159]
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जरीर बिन अब्दुल्लाह से रिवायत है, वह कहते हैं :
मैंने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से (औरत पर) अचानक पड़ने वाली नज़र के बारे में पूछा, तो आपने मुझे नज़र फेर लेने का आदेश दिया।
[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح مسلم - 2159]
जरीर बिन अब्दुल्लाह रज़ियल्लाहु अनहु ने अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से पूछा कि अगर किसी पुरुष की नज़र अचानक किसी अजनबी महिला पर बिना इच्छा के पड़ जाए तो उसे क्या करना चाहिए? आपने उनसे कहा कि जैसे ही उसे यह एहसास हो, उसे तुरंत अपनी नज़रें दूसरी ओर कर लेनी चाहिए। यदि वह ऐसा कर ले, तो उसे कोई गुनाह नहीं होगा।