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عَنْ ‌أَنَسِ بْنِ مَالِكٍ رَضِيَ اللهُ عَنْهُ:
أَنَّ النَّبِيَّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ افْتَقَدَ ثَابِتَ بْنَ قَيْسٍ، فَقَالَ رَجُلٌ: يَا رَسُولَ اللهِ، أَنَا أَعْلَمُ لَكَ عِلْمَهُ، فَأَتَاهُ فَوَجَدَهُ جَالِسًا فِي بَيْتِهِ، مُنَكِّسًا رَأْسَهُ، فَقَالَ: مَا شَأْنُكَ؟ فَقَالَ شَرٌّ، كَانَ يَرْفَعُ صَوْتَهُ فَوْقَ صَوْتِ النَّبِيِّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ، فَقَدْ حَبِطَ عَمَلُهُ، وَهُوَ مِنْ أَهْلِ النَّارِ، فَأَتَى الرَّجُلُ فَأَخْبَرَهُ أَنَّهُ قَالَ كَذَا وَكَذَا، فَرَجَعَ الْمَرَّةَ الْآخِرَةَ بِبِشَارَةٍ عَظِيمَةٍ، فَقَالَ: «اذْهَبْ إِلَيْهِ فَقُلْ لَهُ: إِنَّكَ لَسْتَ مِنْ أَهْلِ النَّارِ، وَلَكِنْ مِنْ أَهْلِ الْجَنَّةِ».

[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح البخاري: 3613]
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अनस बिन मालिक रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है :
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने एक दिन साबित बिन क़ैस को अनुपस्थित देखा और उनके बारे में पूछा, तो एक व्यक्ति ने कहा : ऐ अल्लाह के रसूल! मैं आपके पास उनके बारे में जानकारी लेकर आऊँगा। चुनाँचे वह उनके पास गया तो देखा कि वह सर झुकाए अपने घर में बैठे हुए हैं। यह देख उनसे पूछा कि आप कैसे हैं? उन्होंने जवाब दिया कि उनका हाल बुरा है। उनकी आवाज़ अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की आवाज़ से ऊँची हो जाया करती थी, इसलिए उनके सत्कर्म नष्ट हो गए और अब वह जहन्नमी हैं। चुनांचे वह व्यक्ति अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास आया और उन्होंने जो कुछ कहा था, वह बता दिया। अतः वह दोबारा एक बहुत बड़ी खुशख़बरी के साथ लौटा। उसने आकर बताया कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा है : "उसके पास जाओ और उसे बता दो कि वह जहन्नमी नहीं, बल्कि जन्नती है।"

सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

एक बार अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने साबित बिन क़ैस को अनुपस्थित पाया और उनके बारे में पूछा तो एक व्यक्ति ने कहा कि मैं जाकर पता लगाता हूँ और आपको बताता है कि वह ग़ायब क्यों हैं। चुनांचे वह उनके पास गया, तो देखा कि वह उदास होकर अपने घर में सर झुकाए बैठे हैं। उस व्यक्ति ने जब उनसे हाल पूछा, तो उन्होंने वह पीड़ा बताई, जिससे वह गुज़र रहे थे। उन्होंने बताया कि उनकी आवाज़ अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की आवाज़ से ऊँची हो जाया करती थी और अल्लाह ने ऐसा करने वाले व्यक्ति को यह धमकी दी है कि उसके कर्म नष्ट हो जाएँगे और वह जहन्नम में जाएगा।
चुनांचे वह व्यक्ति अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास आया और आपको इसकी सूचना दी, तो आपने आदेश दिया कि वह दोबारा साबित के पास जाए और उनको बता दे कि वह जहन्नमी नहीं, बल्कि जन्नती हैं। ऐसा इसलिए कि उनकी आवाज़ पैदाइशी तौर पर ऊँची थी तथा वह अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम एवं अंसार के वक्ता थे।

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हदीस का संदेश

  1. साबित बिन क़ैस की फ़ज़ीलत के साथ-साथ इस बात का उल्लेख कि वह जन्नती हैं।
  2. अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम सहाबा का ख़्याल रखा करते थे तथा उनकी ख़बर मालूम करते रहते थे।
  3. सहाबा इस बात से बहुत ज़्यादा डरते थे कि कहीं उनके कर्म नष्ट न हो जाएँ।
  4. अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जीवन काल में आपसे बात करते समय अदब का ध्यान रखना तथा आपकी मृत्यु के बाद आपकी सुन्नत को सुनते समय आवाज़ धीमी रखना वाजिब है।
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