+ -

عن عُقبة بن عامر الجُهني رضي الله عنه قال: قال رسولُ الله صلَّى الله عليه وسلم:
«الجاهِرُ بالقرآن كالجاهِرِ بالصَّدَقَةِ، والمُسِرُّ بالقرآن كالمُسِرِّ بالصَّدَقَة».

[صحيح] - [رواه أبو داود والترمذي والنسائي] - [سنن أبي داود: 1333]
المزيــد ...

उक़बा बिन आमिर जुहनी रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, उन्होंने कहा कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"खुले तौर पर क़ुरआन पढ़ने वाला खुले तौर पर सदक़ा करने वाले की तरह है। जबकि छुपाकर क़ुरआन पढ़ने वाला छुपाकर सदक़ा करने वाले की तरह है।"

[सह़ीह़] - - [سنن أبي داود - 1333]

व्याख्या

इस हदीस में अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि खुले तौर पर क़ुरआन पढ़ने वाला खुले तौर पर सदक़ा करने वाले की तरह है। जबकि छुपाकर क़ुरआन पढ़ने वाला छुपाकर सदक़ा करने वाले की तरह है।

अनुवाद: अंग्रेज़ी उर्दू स्पेनिश इंडोनेशियाई उइग़ुर बंगला फ्रेंच तुर्की बोस्नियाई सिंहली वियतनामी तगालोग कुर्दिश होसा पुर्तगाली मलयालम तिलगू सवाहिली तमिल बर्मी थाई जर्मन पशतो असमिया अल्बानियाई السويدية الأمهرية الهولندية الغوجاراتية Kirgisisch النيبالية Yoruba الليتوانية الدرية الصربية الصومالية الطاجيكية Kinyarwanda الرومانية المجرية التشيكية Malagasy इतालवी Oromo Kanadische Übersetzung Aserbaidschanisch الأوزبكية الأوكرانية
अनुवादों को प्रदर्शित करें

हदीस का संदेश

  1. छुपाकर क़ुरआन पढ़ना उत्तम है, जैसे कि छुपाकर सदक़ा करना उत्तम है। क्योंकि इसमें इख़लास (निष्ठा) होता है और रिया तथा अभिमान से दूरी होती है। हाँ, अगर खुले तौर पर करने की ज़रूरत एवं मसलहत हो, जैसे क़ुरआन की शिक्षा देना आदि, तो बात अलग है।
अधिक