عن عُقبة بن عامر الجُهني رضي الله عنه قال: قال رسولُ الله صلَّى الله عليه وسلم:
«الجاهِرُ بالقرآن كالجاهِرِ بالصَّدَقَةِ، والمُسِرُّ بالقرآن كالمُسِرِّ بالصَّدَقَة».
[صحيح] - [رواه أبو داود والترمذي والنسائي] - [سنن أبي داود: 1333]
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उक़बा बिन आमिर जुहनी रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, उन्होंने कहा कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"खुले तौर पर क़ुरआन पढ़ने वाला खुले तौर पर सदक़ा करने वाले की तरह है। जबकि छुपाकर क़ुरआन पढ़ने वाला छुपाकर सदक़ा करने वाले की तरह है।"
[सह़ीह़] - - [سنن أبي داود - 1333]
इस हदीस में अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि खुले तौर पर क़ुरआन पढ़ने वाला खुले तौर पर सदक़ा करने वाले की तरह है। जबकि छुपाकर क़ुरआन पढ़ने वाला छुपाकर सदक़ा करने वाले की तरह है।