عن أبي هريرة رضي الله عنه قال:
لَعَنَ رَسُولُ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ الرَّاشِيَ وَالْمُرْتَشِيَ فِي الْحُكْمِ.
[صحيح] - [رواه الترمذي وأحمد] - [سنن الترمذي: 1336]
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अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं :
"अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्ल- ने किसी फैसले के लिए रिश्वत लेने वाले तथा देने वाले दोनों के ऊपर लानत भेजी है।"
[सह़ीह़] - - [سنن الترمذي - 1336]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने रिश्वत देने और लेने वाले के हक़ में अल्लाह की रहमत से धुतकारे और दूर किए जाने की बद-दुआ की है।
इसके दायरे में न्यायाधीशों को दिया जाने वाला वह घूस भी शामिल है, जो उनसे ग़लत तरीक़े से काम करवाने के लिए उनको दिया जाता है।