عن عقبة بن عامر رضي الله عنه مرفوعاً: "من تَعَلَّقَ تَمِيمَةً فلا أَتَمَّ الله له، ومن تَعَلَّقَ وَدَعَةً فلا وَدَعَ الله له" وفي رواية: "من تَعَلَّقَ تَمِيمَةً فقد أَشْرَكَ".
[الأول: ضعيف. الثاني: صحيح] - [رواهما أحمد]
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उक़बा बिन आमिर -रज़ियल्लाहु अन्हु- का वर्णन है कि नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः "जिसने तावीज़ लटकाया, अल्लाह उसके उद्देश्य को पूरा न करे और जिसने सीप लटकाया, अल्लाह उसे आराम न दे।" तथा एक रिवायत में हैः "जिसने तावीज़ लटकाया, उसने शिर्क किया।"
सह़ीह़ - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।

व्याख्या

यह हदीस इस बात का प्रमाण है कि जिसने इस अक़ीदे के तहत तावीज़ बाँधा कि वह उसे हानि से बचाएगा, वह नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- की इस बद-दुआ में शामिल हो गया कि अल्लाह उसके उद्देश्य को पूरा न करे और उसे उसके कार्य में सफलता न मिले। इसी तरह आपने उक्त अक़ीदे के तहत कौड़ी बाँधने वाले के बारे में भी बद-दुआ की है कि अल्लाह उसे आराम तथा शांति न दे, बल्कि उसके कष्ट को और बढ़ा दे। इस बद-दुआ का उद्देश्य यह चीज़ें बाँधने से सावधान करना है। वैसे, खुद आपने दूसरी हदीस में बता दिया है कि यह कार्य अल्लाह के साथ शिर्क है।

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