عن أبي هريرة رضي الله عنه قال: قلت: يارسول الله، "من أسعد الناس بشفاعتك؟ قال: من قال لا إله إلا الله خالصا من قلبه".
[صحيح] - [رواه البخاري]
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अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अंहु) कहते हैं कि मैंने कहाः ऐ अल्लाह के रसूल, आपकी सिफ़ारिश हासिल करने का सबसे अधिक सौभाग्य किसे प्राप्त होगा? तो आपने फ़रमायाः"उसे, जिसने सच्चे दिल से ला 'इलाहा इल्लल्लाह' कहा।"
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।

व्याख्या

अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अनहु) ने अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से पूछा कि लोगों में से कौन आपकी शिफ़ाअत (सिफ़ारिश) से सबसे ज्यादा धन्य और सबसे ज्यादा उसका हकदार होगा, तो आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने उनको बताया कि वह लोग जिन्होंने सच्चे मन से यह गवाही दी कि अल्लाह के अलावा कोई पूज्य नहीं और मुहम्मद अल्लाह के रसूल हैं और फिर उसे शिर्क और दिखावे से बचाए रखा।

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हदीस का संदेश

  1. इस हदीस से शिफ़ाअत का साबित होना, इख़लास (निःस्वार्थता) का वाजिब होना, दिखावे का इतना बुरा होना कि वह क़यामत के दिन इंसान को शिफ़ाअत से वंचित कर देगा और अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अनहु) की फ़ज़ीलत सिद्ध होती है।
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