عن جرير بن عبد الله رضي الله عنه قالَ: سمعتُ رَسُولَ اللَّه -صَلّى اللهُ عَلَيْهِ وسَلَّم- يقُولُ: «من يُحْرَمِ الرِّفْقَ، يُحْرَمِ الخير كله».
[صحيح] - [رواه مسلم بدون قوله: (كله) فهي عند أبي داود]
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जरीर बिन अब्दुल्लाह बजली- रज़ियल्लाहु अन्हु- रिवायत करते हुए कहते हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को फ़रमाते हुए सुनाः जिसे नर्मी से वंचित कर दिया गया, उसे सारी भलाई से वंचित कर दिया गया।
सह़ीह़ - इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

यह हदीस तमाम कामों में नर्मी अपनाने की प्रेरणा देती है और यह बताती है कि जिसने रूखा एवं कठोर व्यवहार किया, उसे उसके कर्म की भलाई से वंचित कर दिया जाता है।

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