عَنْ أَبِي مُوسَى رضي الله عنه عَنِ النَّبِيِّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَالَ:
«إِنَّ اللهَ عَزَّ وَجَلَّ يَبْسُطُ يَدَهُ بِاللَّيْلِ لِيَتُوبَ مُسِيءُ النَّهَارِ، وَيَبْسُطُ يَدَهُ بِالنَّهَارِ لِيَتُوبَ مُسِيءُ اللَّيْلِ، حَتَّى تَطْلُعَ الشَّمْسُ مِنْ مَغْرِبِهَا».
[صحيح] - [رواه مسلم] - [صحيح مسلم: 2759]
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अबू मूसा रज़ियल्लाहु अन्हु अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से रिवायत करते हैं कि आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
''महान अल्लाह रात में हाथ फैलाता है, ताकि दिन में गुनाह करने वाला तौबा कर ले और दिन में हाथ फैलाता है, ताकि रात में गुनाह करने वाला तौबा कर ले, यहाँ तक कि सूरज अपने डूबने के स्थान से निकल आए।''
[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح مسلم - 2759]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि अल्लाह बंदे की तौबा क़बूल करता है। जब बंदा दिन में गुनाह करने के बाद रात में तौबा करता है, तो अल्लाह उसकी तौबा क़बूल कर लेता है। इसी तरह जब रात में गुनाह करने के बाद दिन में तौबा करता है, तो उसकी तौबा क़बूल कर लेता है। अल्लाह बंदे के इस अमल से खुश होकर उसकी तौबा क़बूल करने के लिए अपना हाथ फैलाता है। तौबा का द्वारा उस समय तक खुला रहेगा, जब तक दुनिया की समाप्ति की एक निशानी के तौर पर सूरज पश्चिम से निकल न आए। जब सूरज पश्चिम से निकल जाएगा, तो तौबा का द्वार बंद हो जाएगा।