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عن أنس بن مالك رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : «كلُّ بني آدم خَطَّاءٌ، وخيرُ الخَطَّائِينَ التوابون».
[حسن] - [رواه الترمذي وابن ماجه والدارمي وأحمد]
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अनस बिन मालिक (रज़ियल्लाहु अंहु) से ही रिवायत है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः "आदम की प्रत्येक संतान ग़लती करने वाली है और ग़लती करने वालों में सबसे उत्तम व्यक्ति वह है, जो अत्यधिक तौबा करने वाला हो।"
[ह़सन] - [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है। - इसे दारिमी ने रिवायत किया है।]

व्याख्या

कोई भी इनसान गलती से खाली नहीं है। क्योंकि उसके अंदर कमज़ोरी और अपने प्रभु के आदेशों का पालन करने और उसकी मना की हुई बातों से दूर रहने के विषय में अपने प्रभु की अवहेलना का जज़्बा प्राकृतिक रुप से पाया जाता है। यही कारण है कि पवित्र एवं महान अल्लाह ने अपने बंदों के लिए तौबा का दरवाज़ा खोल रखा है और बता दिया है कि सबसे अच्छे ग़लती करने वाले लोग वह हैं, जो बहुत ज़्यादा तौबा करने वाले हैं।

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हदीस का संदेश

  1. आदम की संतान से ग़लती होना और उसके गुनाह का शिकार होना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन एक मुसलमान पर वाजिब है कि जैसे ही किसी गुनाह में लिप्त हो, फौरन तौबा कर ले।
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