عن أبي هريرة رضي الله عنه قال:
كان رسولُ الله صلى الله عليه وسلم إذا عَطَس وضَعَ يَدَه -أو ثوبَهُ- على فيهِ، وخَفَضَ -أو غضَّ- بها صوتَهُ.
[صحيح] - [رواه أبو داود والترمذي وأحمد] - [سنن أبي داود: 5029]
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अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं :
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जब छींकते, तो अपना हाथ या कपड़ा अपने मुँह पर रख लेते और अपनी आवाज़ धीमी (या नीची) रखते।
[सह़ीह़] - - [سنن أبي داود - 5029]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जब छींकते, तो निम्नलिखित काम करते :
1- मुँह पर अपना हाथ या कपड़ा रखते, ताकि मुँह या नाक से कोई ऐसी चीज़ न निकले, जिससे पास बैठे हुए व्यक्ति को कष्ट हो।
2- आवाज़ धीमी कर लेते।