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عَن سَهْلِ بْنِ حُنَيْفٍ رضي الله عنه أَنَّ النَّبِيَّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَالَ:
«مَنْ سَأَلَ اللهَ الشَّهَادَةَ بِصِدْقٍ بَلَّغَهُ اللهُ مَنَازِلَ الشُّهَدَاءِ، وَإِنْ مَاتَ عَلَى فِرَاشِهِ».

[صحيح] - [رواه مسلم] - [صحيح مسلم: 1909]
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सह्ल बिन हुनैफ़ रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"जिसने सच्चे दिल से अल्लाह से शहादत माँगी, अल्लाह उसे शहीदों के मर्तबों तक पहुँचाएगा, यद्यपि उसकी मृत्यु बिस्तर पर हुई हो।"

[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح مسلم - 1909]

व्याख्या

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि जिस व्यक्ति ने शहादत और अल्लाह के मार्ग में लड़ते हुए प्राप्त होने वाली मौत तलब की, अगर वह अपनी इस नीयत में सच्चा और सर्वशक्तिमान अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने वाला रहा, तो उसे अल्लाह उसकी सच्ची नीयत की बिना पर शहीदों का दर्जा प्रदान करेगा, चाहे उसकी मौत बिस्तर पर ही क्यों न हो।

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हदीस का संदेश

  1. जिहाद तथा अल्लाह के मार्ग में शहादत तलब करने की प्रेरणा।
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