عن سَمُرة رضي الله عنه مرفوعاً: «من حدَّث عني بحديث يُرَى أنه كَذِبٌ فهو أحد الكاذِبَين».
[صحيح] - [رواه مسلم]
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समुरा -अल्लाह उनसे प्रसन्न हो- से मरफूअन वर्णित है : "जो व्यक्ति मेरे हवाले से कोई बात बताए और उसे लगता हो कि वह झूठ है, तो वह दो झूठों में से एक है।"
[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
यह हदीस इस बात से सावधान करती है कि इन्सान अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- से कोई हदीस रिवायत करे, जबकि वह जानता हो या उसे लगता हो कि यह हदीस, जिसे वह अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- से रिवायत कर रहा है, झूठी है। आपने ऐसा करने वाले को सचेत करते हुए कहा है कि ऐसा करने वाला जान-बूझकर अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- पर झूठ बोलने वाले की श्रेणी में होगा।