عن أبي مسعود الأنصاري رضي الله عنه قال:
جَاءَ رَجُلٌ إِلَى النَّبِيِّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ فَقَالَ: إِنِّي أُبْدِعَ بِي فَاحْمِلْنِي، فَقَالَ: «مَا عِنْدِي»، فَقَالَ رَجُلٌ: يَا رَسُولَ اللهِ، أَنَا أَدُلُّهُ عَلَى مَنْ يَحْمِلُهُ، فَقَالَ رَسُولُ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ: «مَنْ دَلَّ عَلَى خَيْرٍ فَلَهُ مِثْلُ أَجْرِ فَاعِلِهِ».
[صحيح] - [رواه مسلم] - [صحيح مسلم: 1893]
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अबू मस्ऊद अंसारी रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन, उन्होंने कहा :
एक व्यक्ति अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास आया और कहने लगा : मेरी सवारी हलाक हो चुकी है, अतः मुझे सवारी के लिए एक जानवर दीजिए। चुनांचे अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "मेरे पास जानवर नहीं है।" यह सुन एक व्यक्ति ने कहा : ऐ अल्लाह के रसूल! मैं इसे एक व्यक्ति के बारे में बता सकता हूँ, जो इसे सवारी के लिए जानवर दे सकता है। इसपर अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "जिसने किसी अच्छे काम का मार्ग दिखाया, उसे उसके करने वाले के बराबर प्रतिफल मिलेगा।"
[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
एक व्यक्ति अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास आया और कहने लगा कि उसकी सवारी हलाक हो गई है, इसलिए आप उसे सवारी के लिए जानवर दें, जिसपर सवार होकर वह अपनी यात्रा पूरी कर सके। चुनांचे अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कह दिया कि उसे देने के लिए आपके पास कोई सवारी नहीं है। यह सुन वहाँ उपस्थित एक व्यक्ति ने कहा कि ऐ अल्लाह के रसूल! मैं उसे एक व्यक्ति के बारे में बता सकता हूँ, जो उसे सवारी के लिए जानवर दे सकता है। इसपर अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बताया कि इस व्यक्ति को भी सवारी देने वाले के बराबर प्रतिफल मिलेगा। क्योंकि इसने एक ज़रूरतमंद व्यक्ति का उचित मार्गदर्शन किया है।