عَنْ عَبْدِ اللهِ بْنِ مَسْعُودٍ رضي الله عنه قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ:
«لَيْسَ الْمُؤْمِنُ بِالطَّعَّانِ وَلاَ اللَّعَّانِ وَلاَ الفَاحِشِ وَلاَ البَذِيءِ».
[صحيح] - [رواه الترمذي] - [سنن الترمذي: 1977]
المزيــد ...
अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"मोमिन ताना देने वाला, लानत करने वाला, बदज़ुबान और अनर्गल बकने वाला नहीं होता।"
[सह़ीह़] - [इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है।] - [سنن الترمذي - 1977]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने यहाँ बताया है कि एक संपूर्ण ईमान वाले मोमिन को शोभा नहीं देता कि किसी की नस्ल पर लांछन लगाए, बहुत ज़्यादा गाली-गलौज और लानत करे तथा हया शर्म उतार फेंककर बद-ज़ुबानी करता फिरे।