हदीस सूची

अबू रुक़ैया तमीम बिन औस दारी रज़ियल्लाहु अन्हु से वर्णित है कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया है :||"धर्म, शुभचिंतन का नाम है।" हमने कहा : किसका? तो फ़रमाया : "अल्लाह, उसकी किताब, उसके रसूल, मुसलमानों के मार्गदर्शकों और आम लोगों का। “मैं तुम्हें जिस चीज़ से रोकूँ, उससे बचो और जिस चीज़ का आदेश दूँ, उसे जहाँ तक हो सके करो “संदेह में डालने वाली चीज़ों को छोड़कर संदेह में न डालने वाली चीज़ों को अपनाओ। अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के सेवक अबू हमज़ा अनस बिन मालिक -रज़ियल्लाहु अनहु- का वर्णन है कि नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया है :||''तुममें से कोई व्यक्ति उस समय तक मोमिन नहीं हो सकता, जब तक कि अपने भाई के लिए वही पसंद न करे, जो अपने लिए पसंद करता है।'' अबू अब्दुर रहमान अब्दुल्लाह बिन उमर बिन ख़त्ताब रज़ियल्लाहु अनहुमा कहते हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को कहते हुए सुना है :||"इस्लाम की बुनियाद पाँच चीज़ों पर क़ायम है : इस बात की गवाही देना कि अल्लाह के अतिरिक्त कोई सत्य पूज्य नहीं है और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के रसूल हैं, नमाज़ स्थापित करना, ज़कात देना, हज करना और रमज़ान मास के रोज़े रखना। अबू अब्दुल्लाह नोमान बिन बशीर रज़ियल्लाहु अनहुमा कहते हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को कहते हुए सुना है :||"निस्संदेह, हलाल स्पष्ट है और हराम भी स्पष्ट है तथा दोनों के बीच कुछ चीज़ें अस्पष्ट हैं, जिन्हें बहुत से लोग नहीं जानते। अतः, जो अस्पष्ट चीज़ों से बचा, उसने अपने धर्म और प्रतिष्ठा की रक्षा कर ली तथा जो अस्पष्ट चीज़ों में पड़ गया, वह हराम में पड़ गया। जैसे एक चरवाहा सुरक्षित चरागाह (पशुओं के चरने का स्थान) के आस-पास जानवर चराए, तो संभावना रहती है कि जानवर उसके अंदर चले जाएँ। सुन लो, हर बादशाह की सुरक्षित चरागाह होती है। सुन लो, अल्लाह की सुरक्षित चरागाह उसकी हराम की हुई चीज़ें हैं। सुन लो, शरीर के अंदर मांस का एक टुकड़ा है, जब वह सही रहेगा, तो पूरा शरीर सही रहेगा और जब वह बिगड़ेगा तो पूरा शरीर बिगड़ेगा। सुन लो, मांस का वह टुकड़ा, दिल है। अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :||"निश्चय अल्लाह पवित्र है और केवल पवित्र चीज़ों को ही ग्रहण करता है। उसने ईमान वालों को वही आदेश दिया है, जो रसूलों को दिया है। उसने (रसूलों से) कहा है : (ऐ रसूलो! स्वच्छ चीज़ें खाओ और अच्छे कार्य करो।) [सूरा अल-मोमिनून : 51] तथा (ईमान वालों से) कहाः (ऐ ईमान वालो! उन स्वच्छ चीज़ों में से खाओ, जो हमने तुम्हें प्रदान की हैं।) [सूरा अल-बक़राः 172] फिर अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने एक व्यक्ति का ज़िक्र किया, जो लंबी यात्रा में है, उसके बाल बिखरे हुए हैं और शरीर धूल से अटा हुआ है। वह आकाश की ओर अपने दोनों हाथों को फैलाकर कहता है : ऐ मेरे रब! ऐ मेरे रब! लेकिन उसका खाना हराम, उसका पीना हराम, उसका वस्त्र हराम और उसकी परवरिश हराम से हुई है। ऐसे में भला उसकी दुआ कैसी क़बूल हो सकती है? “अल्लाह ने हर चीज़ में अच्छे बर्ताव को अनिवार्य किया है। “ऐ बच्चे! मैं तुम्हें कुछ बातें बताता हूँ (इन्हें याद रखना) : अल्लाह (के आदेशों और निषेधों) की रक्षा करो, अल्लाह तुम्हारी रक्षा करेगा। अल्लाह (के आदेशों और निषेधों) की रक्षा करो, तुम उसे अपने सामने पाओगे। जब माँगो, तो अल्लाह से माँगो और जब मदद चाहो, तो अल्लाह से मदद चाहो। अबू मसऊद अंसारी बदरी -रज़ियल्लाहु अनहु- कहते हैं कि अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया है :||"पूर्व के नबियों की वाणियों में से जो बातें लोगों को प्राप्त हुईं, उनमें से एक यह है कि जब तेरे अंदर शर्म व हया न रहे, तो जो चाहे, कर। अबू अम्र तथा कुछ लोगों के अनुसार अबू अमरा सुफ़यान बिन अब्दुल्लाह -रज़ियल्लाहु अनहु- कहते हैं :||मैंने कहा : ऐ अल्लाह के रसूल! मुझसे इस्लाम के बारे में एक ऐसी बात कहें, जिसके बारे में मुझे किसी और से पूछने की ज़रूरत न पड़े। आपने फ़रमाया : "तुम कहो कि मैं अल्लाह पर ईमान लाया और फिर इसपर मज़बूती से क़ायम रहो। आपका क्या ख़याल है कि अगर मैं फ़र्ज़ नमाज़ें पढ़ूँ, रमज़ान के रोज़े रखूँ और हलाल को हलाल जानूँ “तहारत (पवित्रता) आधा ईमान है। ‘अल-हमदु लिल्लाह’ तराज़ू को भर देगा। ‘सुबहान अल्लाह’ और ‘अल-हमदु लिल्लाह’ आकाश और धरती के बीच के ख़ाली स्थानों को भर देंगे अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :||फ़रमायाः "आदमी के हर जोड़ पर, हर रोज़ जिसमें सूरज निकलता है, सदक़ा है; तुम दो व्यक्तियों के बीच न्याय करो सदक़ा है, किसी को उसके जानवर पर सवार होने में मदद करो या उसपर उसका सामान लाद दो सदक़ा है, अच्छी बात सदक़ा है, नमाज़ के लिए जाते समय उठने वाला हर क़दम सदक़ा है और रास्ते से कष्टदायक वस्तु को हटाना सदक़ा है। मैं तुम्हें अल्लाह से डरने तथा (अपने शासनकर्ता की) बात सुनने और मानने की वसीयत करता हूँ, चाहे तुम्हारा शासक एक दास ही क्यों न हो। क्योंकि तुममें से जो जीवित रहेगा, वह बहुत सारा मतभेद और टकराव देखेगा। उस समय तुम मेरी सुन्नत और सत्य के मार्ग पर चलने वाले ख़लीफ़ागण की सुन्नत को सीने से लगाए रहना तुमने एक बहुत बड़ी चीज़ के बारे में पूछा है, परन्तु जिसके लिए अल्लाह तआला आसान कर दे, उसके लिए यह निश्चय ही आसान है “न हानि स्वीकार्य है, न किसी की हानि करना उचित है।” अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हुमा का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :||"अगर लोगों को उनके दावों के आधार पर दे दिया जाए तो कुछ लोग, लोगों की जान और माल तक का दावा करने लगें। लेकिन, दावा करने वाले को प्रमाण देना है और इनकार करने वाले को क़सम खानी है। बेशक अल्लाह ने नेकियों और गुनाहों को लिख लिया है। "फिर उसका विस्तार करते हुए फ़रमाया “अल्लाह तआला का फ़रमान है : जिसने मेरे किसी ‘वली’ से दुश्मनी की, उससे मेरी ओर से युद्ध का ऐलान है। मेरा बंदा जिन चीज़ों के द्वारा मेरी निकटता प्राप्त करता है, उनमें मुझे सबसे अधिक प्रिय वह चीज़ें हैं, जो मैंने उसपर फ़र्ज़ की हैं तुममें से कोई उस समय तक मोमिन नहीं हो सकता, जब तक उसकी इच्छाएँ मेरी लाई हुई शरीयत की अधीन न हो जाएँ। हर नशा वाली वस्तु हराम है। अगर तुम अल्लाह पर वैसा ही भरोसा करने लगो, जैसा भरोसा होना चाहिए, तो वह तुम्हें उसी तरह रोज़ी दे, जैसे चिड़ियों को रोज़ी देता है; वह सुबह को खाली पेट निकलती हैं और शाम को पेट भरकर लौटती हैं। “नेकी उत्तम आचरण है, तथा गुनाह वह है जो तुम्हारे हृदय में खटकता रहे और तुम यह नापसंद करो कि लोग उसे जानें।” तेरी ज़बान हमेशा अल्लाह के ज़िक्र से तर रहे अल्लाह ने मेरे लिए, मेरी उम्मत के गलती से तथा भूलवश किए हुए और ज़बरदस्ती कराए गए कार्यों को क्षमा कर दिया है।
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दुनिया के मोह से आज़ाद रहो, अल्लाह का प्यारा बन जाओगे और लोगों के पास जो कुछ है, उसका लोभ न करो, लोग भी तुम्हें प्यार देंगे।
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‎“‎दूध पीने से वह रिश्ते हराम हो जाते हैं, जो जन्म के कारण से हराम होते हैं।‎”‎
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‎“‎किसी आदमी ने अपने पेट से बुरा बर्तन कोई नहीं भरा। आदम की संतान के लिए खाने के कुछेक लुक़मे काफ़ी हैं, जो उसकी पीठ खड़ी रखें। अगर अधिक खाना ज़रूरी हो तो पेट का एक तिहाई भाग खाने के लिए, एक तिहाई भाग पीने के लिए और एक तिहाई भाग सांस लेने के लिए हो।‎”‎
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अब्दुल्लाह बिन अम्र रज़ियल्लाहु अनहुमा का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :||“चार बातें ऐसी हैं कि जिस व्यक्ति के अंदर यह बातें होंगी, वह मुनाफ़िक़ होगा तथा यदि उसके अंदर उनमें से कोई एक बात होगी, तो उसके अंदर निफ़ाक़ की एक विशेषता होगी, यहाँ तक कि उसे छोड़ दे; जब बात करे तो झूठ बोले, जब वादा करे तो तोड़ दे, जब किसी से झगड़ा करे तो गाली बके और जब वचन दे तो धोखा दे।” “आदमी के अच्छे मुसलमान होने की एक निशानी यह है कि वह बेमतलब की चीज़ों को छोड़ दे।”
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“जहाँ कहीं भी रहो, अल्लाह से डरते रहो, बुरे कर्म के बाद अच्छे कर्म कर लिया करो, अच्छे कर्म बुरे कर्म को मिटा देंगे तथा लोगों के साथ उत्तम आचरण वाला व्यवहार करो।”
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“किसी मुस्लिम व्यक्ति का रक्त बहाना केवल तीन परिस्थितियों में वैध है
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निर्धारित हिस्से उनके हक़दारों तक पहुँचा दो और निर्धारित हिस्सों के बाद जो शेष बच जाए, वह मरने वाले के निकटतम पुरुष संबंधी के लिए है।
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