عَنْ أُمِّ المُؤْمِنِينَ أُمِّ عَبْدِ اللَّهِ عَائِشَةَ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهَا، قَالَتْ: قَالَ: رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّم:
«مَنْ أَحْدَثَ فِي أَمْرِنَا هَذَا مَا لَيْسَ مِنْهُ فَهُوَ رَدٌّ».
وَفِي رِوَايَةٍ لِمُسْلِمٍ: «مَنْ عَمِلَ عَمَلًا لَيْسَ عَلَيْهِ أَمْرُنَا فَهُوَ رَدٌّ».
[صحيح] - [رواه البخاري ومسلم] - [الأربعون النووية: 5]
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मोमिनों की माता, उम्म-ए-अब्दुल्लाह आइशा रज़ियल्लाहु अनहा कहती हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया है :
"जिसने हमारे इस धर्म में कोई ऐसी चीज़ पैदा की, जो धर्म का भाग नहीं है, तो वह अमान्य एवं अस्वीकृत है।"
[सह़ीह़] - [رواه البخاري ومسلم] - [الأربعون النووية - 5]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि जिसने दीन के अंदर कोई नई चीज़ बनाई या ऐसा कोई काम किया, जो क़ुरआन एवं हदीस से प्रमाणित न हो, तो उसे उसी के मुँह पर मार दिया जाएगा और वह अल्लाह के यहाँ क़बूल नहीं किया जाएगा।