عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ، قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللَّهِ -صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ-: «إذا انْتَهى أَحَدُكُم إلى المجْلِسِ فَلْيُسَلِّم، فإذا أرادَ أن يقومَ فَلْيُسَلِّمْ، فَلَيْسَت الأُولَى بأحَقَّ مِن الآخِرَةِ».
[صحيح] - [رواه أبو داود والترمذي والنسائي في الكبرى وأحمد]
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अबू हुरैरा- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः "जब तुममें से कोई सभा में आए, तो सलाम करे और जब सभा से खड़ा हो तो सलाम करे, क्योंकि पहला सलाम दूसरे से अधिक हक़दार नहीं है।"
सह़ीह़ - इसे नसाई ने रिवायत किया है।

व्याख्या

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