+ -

عَنْ جَابِرٍ رضي الله عنه قَالَ:
أَتَى النَّبِيَّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ رَجُلٌ فَقَالَ: يَا رَسُولَ اللهِ، مَا الْمُوجِبَتَانِ؟ فَقَالَ: «مَنْ مَاتَ لَا يُشْرِكُ بِاللهِ شَيْئًا دَخَلَ الْجَنَّةَ، وَمَنْ مَاتَ يُشْرِكُ بِاللهِ شَيْئًا دَخَلَ النَّارَ»

[صحيح] - [رواه مسلم] - [صحيح مسلم: 93]
المزيــد ...

जाबिर रज़ियल्लाहु अनहु कहते हैं :
एक व्यक्ति अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास आया और पूछा कि ऐ अल्लाह के रसूल! दो वाजिब करने वाली चीज़ें क्या हैं? आपने उत्तर दिया : "जो इस हाल में मरा कि किसी को अल्लाह का साझी नहीं बनाया, वह जन्नत में प्रवेश करेगा और जो इस हाल में मरा कि किसी को अल्लाह का साझी बनाता रहा, वह जहन्नम में जाएगा।"

[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح مسلم - 93]

व्याख्या

एक व्यक्ति ने अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से दो ऐसी बातों के बारे में पूछा, जो जन्नत में प्रवेश या जहन्नम में प्रवेश को अनिवार्य करती हैं। आपने उत्तर दिया कि जन्नत अनिवार्य करने वाली बात यह है कि इन्सान इस हालत में मरे कि केवल एक अल्लाह की इबादत करता हो और किसी को उसका साझी न बनाता हो। जबकि जहन्नम में प्रवेश को अनिवार्य करने वाली बात यह है कि इन्सान इस हालत में मरे कि किसी को पूज्य बनाकर, पालनहार समझकर या उसे अल्लाह के नाम तथा विशेषताएँ प्रदान करके उसका साझी बनाता हो।

अनुवाद: अंग्रेज़ी उर्दू स्पेनिश इंडोनेशियाई उइग़ुर बंगला फ्रेंच तुर्की रूसी बोस्नियाई सिंहली फ़ारसी वियतनामी तगालोग कुर्दिश होसा पुर्तगाली मलयालम तिलगू सवाहिली तमिल बर्मी थाई जर्मन पशतो असमिया अल्बानियाई السويدية الأمهرية الهولندية الغوجاراتية Kirgisisch النيبالية Yoruba الليتوانية الدرية الصربية الصومالية الطاجيكية Kinyarwanda الرومانية المجرية التشيكية الموري Malagasy इतालवी Oromo Kanadische Übersetzung الولوف البلغارية Aserbaidschanisch اليونانية الأوزبكية الأوكرانية الجورجية اللينجالا المقدونية
अनुवादों को प्रदर्शित करें

हदीस का संदेश

  1. तौहीद (एकेश्वरवाद) की फ़ज़ीलत और इस बात का स्पष्ट उल्लेख कि जो व्यक्ति ईमान की हालत में इस तरह मरेगा कि किसी को अल्लाह का साझी नहीं बनाएगा, वह जन्नत में प्रवेश केरगा।
  2. शिर्क की भयावहता तथा इस बात का स्पष्ट उल्लेख कि जो व्यक्ति किसी को अल्लाह का साझी बनाते हुए मरेगा, वह जहन्नम में जाएगा।
  3. अवज्ञाकारी एकेश्वरवादी लोग अल्लाह की इच्छा के अधीन होंगे। अल्लाह अगर चाहेगा, तो उनको अज़ाब देगा और अगर चाहेगा, तो उनको माफ़ कर देगा और फिर उनका ठिकाना जन्नत होगा।
अधिक