«مَنْ أَتَى عَرَّافًا فَسَأَلَهُ عَنْ شَيْءٍ لَمْ تُقْبَلْ لَهُ صَلَاةٌ أَرْبَعِينَ لَيْلَةً».
[صحيح] - [رواه مسلم] - [صحيح مسلم: 2230]
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अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की एक पत्नी का वर्णन है कि आपने फ़रमाया :
"जो व्यक्ति किसी ग़ैब की बात बताने वाले के पास जाकर उससे कुछ पूछे, उसकी चालीस दिन की नमाज़ क़बूल नहीं होती।"
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ग़ैब की बात बताने वालों के पास जाने से सावधान कर रहे हैं। हदीस में आए हुए शब्द "العرّاف" के अंदर ओझा, ज्योतिषी और रेत पर रेखा खींचकर भविष्यवाणी करने वाले आदि सभी लोग शामिल हैं, जो कुछ भूमकिाओं के सहारे ग़ैब की बात जानने का दावा करते हैं। इन लोगों को ग़ैब की कोई बात पूछने मात्र से अल्लाह इन्सान को चालीस दिन की नमाज़ के प्रतिफल से वंचित कर देता है। यह दरअसल इस बड़े पाप की सज़ा है।