عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهُ عَنْ رَسُولِ اللَّهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَالَ:
«لاَ تَقُومُ السَّاعَةُ حَتَّى تُقَاتِلُوا اليَهُودَ، حَتَّى يَقُولَ الحَجَرُ وَرَاءَهُ اليَهُودِيُّ: يَا مُسْلِمُ، هَذَا يَهُودِيٌّ وَرَائِي فَاقْتُلْهُ».
[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح البخاري: 2926]
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अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"क़यामत उस समय तक नहीं आएगी, जब तक तुम यहूदियों से युद्ध न कर लो और यहाँ तक कि जिस पत्थर के पीछे यहूदी छुपा हो वह न कहे कि ए मुसलमान! यह मेरे पीछे यहूदी छुपा है, इसकी हत्या कर दो।"
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 2926]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि क़यामत उस समय तक नहीं आएगी, जब तक यहूदी और मुसलमान एक-दूसरे से युद्ध न कर लें। और यह स्थिति न पैदा हो जाए कि जब कोई यहूदी मुसलमानों से बचने के लिए किसी पत्थर के पीछे जा छुपे तो अल्लाह पत्थर को बोलने की शक्ति प्रदान कर दे और वह मुसलमान को पुकार कर कहे कि उसके पीछे एक यहूदी छुपा है, ताकि वह जाकर उसका वध कर दे।