عَنْ أَنَسٍ رضي الله عنه قَألَ:
كَانَ النَّبِيُّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ إِذَا دَخَلَ الخَلاَءَ قَالَ: «اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنَ الخُبُثِ وَالخَبَائِثِ».
[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح البخاري: 142]
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अनस रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं :
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जब शौचालय जाते, तो कहते : "اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنَ الخُبُثِ وَالخَبَائِثِ" (ऐ अल्लाह! मैं नापाक जिन्नों और नापाक जिन्नियों से तेरी शरण माँगता हूँ।)
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 142]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जब उस जगह प्रवेश करने का इरादा करते, जहाँ पेशाब करना होता या मल त्याग करना होता , तो इस बात से अल्लाह की शरण माँगते कि वह आपको पुरुष एवं स्त्री शैतानों की बुराई से बचाए। इस दुआ में आए हुए "الخبث" एवं "الخبائث" की व्याख्या बुराई तथा नापाकियों से भी की गई है।