عن أبي هريرة رضي الله عنه مرفوعاً: «من حَلَفَ فقال في حَلِفِهِ: بِاللاَّتِ وَالْعُزَّى، فليقل: لا إله إلا الله، ومن قال لصاحبه: تعال أُقَامِرْكَ فَلْيَتَصَدَّقْ».
[صحيح] - [متفق عليه]
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अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अन्हु- से मरफ़ूअन रिवायत है : "जिसने यह कहकर क़सम खाई कि लात तथा उज़्ज़ा की क़सम, वह 'ला इलाहा इल्लल्लाह' कहे और जिसने अपने साथी से कहा कि आओ हम जुआ खेलें, वह सद्क़ा करे।"
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने आदेश दिया है कि जो अल्लाह के अतिरिक्त किसी और, जैसे लात एवं उज़्ज़ा आदि की क़सम खाए वह "ला इलाहा इल्लल्लाह" कहे और जो अपने साथी से कहे कि मैं तुमसे इस बात पर शर्त लगाता हूँ कि यह ऐसा और ऐसा है, वह सदक़ा करे।