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عن عثمان بن عفان رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم:
«مَنْ تَوَضَّأَ فَأَحْسَنَ الْوُضُوءَ خَرَجَتْ خَطَايَاهُ مِنْ جَسَدِهِ حَتَّى تَخْرُجَ مِنْ تَحْتِ أَظْفَارِهِ».

[صحيح] - [رواه مسلم] - [صحيح مسلم: 245]
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उसमान बिन अफ़्फ़ान रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"जो अच्छी तरह वज़ू करता है, उसके जिस्म से पाप निकल जाते हैं, यहाँ तक कि नाख़ून के नीचे से भी निकल जाते हैं।"

[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح مسلم - 245]

व्याख्या

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि जो वज़ू की सुन्नतों और आदाब का ख़्याल रखते हुए वज़ू करता है, तो इसके नतीजे में उसके गुनाह धो दिए जाते हैं। यहाँ तक कि उसके हाथ तथा पैरों के नाखूनों के नीचे से भी गुनाह निकल जाते हैं।

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हदीस का संदेश

  1. वज़ू, उसकी सुन्नतों और आदाब को सीखने तथा उनपर अमल करने की प्रेरणा।
  2. वज़ू की फ़ज़ीलत तथा उसका छोटे गुनाहों को मिटा दिए जाने का सबब होना। रही बात बड़े गुनाहों की, तो उनके लिए तौबा ज़रूरी है।
  3. गुनाहों के निकलने के लिए शर्त यह है कि वज़ू को अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के बताए हुए तरीक़े के मुताबिक़ संपूर्ण तरीक़े से किया जाए और उसमें कोई कमी रहने न दिया जाए।
  4. इस हदीस में गुनाहों की माफ़ी की बात कबीरा गुनाहों से बचने और उनसे तौबा करने के साथ जुड़ी हुई है। उच्च एवं महान अल्लाह ने कहा है : "यदि तुम, उन बड़े पापों से बचते रहे, जिनसे तुम्हें रोका जा रहा है, तो हम तुम्हारे (छोटे) गुनाहों को क्षमा कर देंगे।" [सूरा अल-निसा : 31]
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