عَن أَبِي سَعِيدٍ الْخُدْرِيِّ رضي الله عنه قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ:
«إِذَا تَثَاءَبَ أَحَدُكُمْ فَلْيُمْسِكْ بِيَدِهِ عَلَى فِيهِ، فَإِنَّ الشَّيْطَانَ يَدْخُلُ».
[صحيح] - [رواه مسلم] - [صحيح مسلم: 2995]
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अबू सईद ख़ुदरी -रज़ियल्लाहु अनहु- का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया है :
"जब तुममें से किसी को जमाही आए, तो अपना हाथ मुँह पर रखकर उसे रोके। क्योंकि शैतान अंदर दाख़िल हो जाता है।"
[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح مسلم - 2995]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने निर्देश दिया है कि यदि कोई व्यक्ति आलस्य या पेट भरे होने के कारण जम्हाई ले है और अपना मुंह खोले, तो उसे अपने मुंह पर हाथ रखकर उसे बंद कर लेना चाहिए। ऐसा इसलिए कि मुँह खुला छोड़ देने पर शैतान अंदर दाख़िल हो जाता है और हाथ रख देने के बाद उसके लिए यह संभव नहीं रह जाता।