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عن أبي سعيد الخدري رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : «إِذا تَثَاءبَ أحَدُكمْ فَلْيمْسِكْ بيدهِ على فِيهِ؛ فَإنَّ الشَّيْطَانَ يَدْخل».
[صحيح] - [رواه مسلم]
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अबू सईद ख़ुदरी (रज़ियल्लाहु अंहु) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "जब तुममें से किसी को जमाही आए, तो अपना हाथ अपने मुँह पर रख ले, क्योंकि शैतान प्रवेश करता है।"
[सह़ीह़] - [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

व्याख्या

अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने इस हदीस में जमाही आते समय मुँह पर हाथ रखने का आदेश दिया है। बेहतर यह है कि इनसान जहाँ तक हो सके, जमाही को रोकने का प्रयास करे। चाहे मुँह पर हाथ रखकर ही क्यों न हो। "क्योंकि शैतान उसके अंदर प्रवेश करता है।" यानी जमाही के लिए मुँह खोलते समय इनसान के अंदर यानी उसके पेट में प्रवेश करता है और उसपर हँसता है। अतः उसे इससे रोकने के लिए मुँह पर हाथ रखना चाहिए, ताकि उसके रास्ते को बंद किया जा सके। इस हदीस से मालूम होता है कि जमाही के समय बनने वाला इनसान का रूप जो शैतान को प्रिय है, अल्लाह के निकट अप्रिय है।

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