عَنْ أَنَسٍ رَضيَ اللهُ عنهُ قَالَ:
ضَحَّى النَّبِيُّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ بِكَبْشَيْنِ أَمْلَحَيْنِ أَقْرَنَيْنِ، ذَبَحَهُمَا بِيَدِهِ، وَسَمَّى وَكَبَّرَ، وَوَضَعَ رِجْلَهُ عَلَى صِفَاحِهِمَا.
[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح البخاري: 5565]
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अनस रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं :
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने दो चितकबरे, सींग वाले मेढ़ों की क़ुरबानी की। दोनों को अपने हाथ से ज़बह किया, बिस्मिल्लाह कहा, अल्लाहु अकबर कहा और अपना पाँव दोनों की गरदनों पर रखा।
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 5565]
अनस रज़ियल्लाहु अनहु बयान करते हैं कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने ईद अल-अज़हा के दिन सींगों वाले दो चितकबरे मेंढ़े ज़बह किए और फ़रमाया : अल्लाह के नाम से जबह करता हूँ और अल्लाह सबसे बड़ा है। ज़बह करते समय आपने अपना पाँव मेंढ़े की गर्दन पर रख दिया।