عَنْ أَنَسٍ رضي الله عنه قَالَ:
كَانَ النَّبِيُّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ يَغْسِلُ، أَوْ كَانَ يَغْتَسِلُ، بِالصَّاعِ إِلَى خَمْسَةِ أَمْدَادٍ، وَيَتَوَضَّأُ بِالْمُدِّ.
[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح البخاري: 201]
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अनस रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं :
“अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम एक साअ से पाँच मुद तक पानी से स्नान करते और एक मुद पानी से वज़ू करते थे।”
[सह़ीह़] - [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।] - [صحيح البخاري - 201]
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जनाबत का स्नान एक सा से पाँच मुद और वज़ू एक मुद पानी से कर लिया करते थे। सा चार मुद का होता है और मुद एक मध्यम शरीर वाले इन्सान की दोनों हथेलियों भर का होता है।