عن عبد الله بن مَسعود رضي الله عنه قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صلى الله عليه وسلم : «أَوَّلُ مَا يُقْضَى بَيْنَ النَّاسِ يَوْمَ الْقِيَامَةِ فِي الدِّمَاءِ».
[صحيح] - [متفق عليه، واللفظ لمسلم]
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अब्दुल्लाह बिन मसऊद (रज़ियल्लाहु अन्हु) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "क़यामत के दिन लोगों के बीच सबसे पहले रक्त के बारे में निर्णय किया जाएगा।"
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है और शब्द मुस्लिम के हैं।

व्याख्या

अल्लाह तआला क़यामत के दिन सारी सृष्टियों का हिसाब लेगा, और फिर उनके बीच न्याय के साथ निर्णय करेगा। सब से पहले अत्याचारों का हिसाब लेगा और आरंभ उससे करेगा, जो सबसे महत्वपूर्ण हो। चूँकि रक्त का मामला सबसे अहम है, और सबसे बड़ा अत्याचार किसी का नाहक़ ख़ून बहाना है, इसलिए उस महान दिवस में सबसे पहले उसी का निर्णय किया जाएगा। लेकिन याद रहे कि यहाँ बात बंदों के बीच अत्याचारों की चल रही है, जहाँ तक बंदों के कर्मों का प्रश्न है, तो उनमें सबसे पहले नमाज़ को देखा जाएगा, और सर्वप्रथम उसी का हिसाब होगा।

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