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عَنْ عَبْدِ اللهِ بنِ مَسْعُودٍ رضي الله عنه قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ:
«أَوَّلُ مَا يُقْضَى بَيْنَ النَّاسِ يَوْمَ الْقِيَامَةِ فِي الدِّمَاءِ».

[صحيح] - [متفق عليه] - [صحيح مسلم: 1678]
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अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया :
"क़यामत के दिन लोगों के बीच सबसे पहले रक्त के बारे में निर्णय किया जाएगा।"

सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है और शब्द मुस्लिम के हैं।

व्याख्या

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बताया है कि क़यामत के दिन लोगों के एक-दूसरे पर अत्याचार करने से संबंधित जिस चीज़ के बारे में सबसे पहले निर्णय लिया जाएगा, वह रक्त का विषय है। जैसे क़त्ल करना और ज़ख़्मी करना।

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हदीस का संदेश

  1. रक्त के विषय का महत्व। क्योंकि आरंभ महत्वपूर्ण चीज़ों से किया जाता है।
  2. पाप उनके द्वारा हुई हानि और बिगाड़ की महानता के अनुसार बड़े हो जाते हैं। और यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि किसी बेगुनाह इन्सान की हत्या करना एक बहुत बड़ी हानि और बिगाड़ है। और इससे बड़ा बिगाड़ अल्लाह के प्रति अविश्वास और उसका साझी ठहराने के सिवा और कुछ नहीं है।
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