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عَنْ عُبَيْدِ اللَّهِ بْنِ مِحْصَنٍ الْأَنْصَارِيِّ رَضيَ اللهُ عنهُ قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ:
«مَنْ أَصْبَحَ مِنْكُمْ مُعَافى فِي جَسَدِهِ، آمِنًا فِي سِرْبِهِ، عِنْدَهُ قُوتُ يَوْمِهِ، فَكَأَنَّمَا حِيزَتْ لَهُ الدُّنْيَا».

[حسن] - [رواه الترمذي وابن ماجه] - [سنن ابن ماجه: 4141]
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अब्दुल्लाह बिन मिहसन अंसारी -रज़ियल्लाहु अनहु- का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया है :
"तुममें से जो व्यक्ति इस अवस्था में सुबह करे कि वह शारीरिक रूप से स्वस्थ हो, उसकी जान सुरक्षित हो और उसके पास दिन भर के खाने की वस्तु हो, तो यह ऐसा है, जैसे उसे पूरी दुनिया दे दी गई हो।"

[ह़सन] - [رواه الترمذي وابن ماجه] - [سنن ابن ماجه - 4141]

व्याख्या

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने मुसलमानों को संबोधित करते हुए कहा है कि ऐ मुसलमानो! तुममें से जिसने स्वस्थ अवस्था में, बीमारियों से सुरक्षित रहकर तथा अपनी जान, घर-परिवार और रास्ते के बारे में हर प्रकार के भय से मुक्त होकर सुबह की, तथा उसके पास दिन भर के बराबर हलाल भोजन मौजूद हो, तो समझो उसे पूरी दुनिया मिल गई।

हदीस का संदेश

  1. इन्सान को स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्याप्त भोजन ज़रूरत हुआ करती है।
  2. बंदे को इन नेमतों पर अल्लाह की प्रशंसा एवं शुक्र अदा करना चाहिए।
  3. संतोष एवं त्याग की प्रेरणा।
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